फिर सुलगने लगी पालमपुर को जिला बनाने की चिंगारी पालमपुर को जिला बनाओ संघर्ष समिती फिर हुई एक्टिव, बनाये व्हाट्सअप, सोशल मीडिया प्लेटफार्म संघर्ष समिति को मिल रहा है अपार जनसमर्थन

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पालमपुर  7 अगस्त : पालमपुर को जिला बनाने की लम्बे समय से हो रही राजनीति पर अब फिर पालमपुर को जिला बनाने की चिंगारी सुलगने लगी है। पालमपुर के कई बुद्धिजीवी लोगों ने पालमपुर को जिला बनाओ संघर्ष समिति के बाद अब व्हाट्सएप ग्रुप व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म भी तैयार लर लिए हैं। गौरतलब है कि पूर्व में भाजपा सरकार के समय मे 2003 में जाते समय पालमपुर में एडीएम तक को बैठा दिया गया था। लेकिन सत्ता जाते ही फिर एडीएम गायव हो गए। हर विस चुनाव तथा लोस चुनाव के समय में जिलों के निर्माण का मुददा उछला है लेकिन किसी भी पार्टी ने जिलों के निमार्ण को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई है। पूर्व में भाजपा सरकार के समय में तत्कालिक आईपीएच मंत्री रविन्द्र रवि ने भी पालमपुर को जिला बनाने को लेकर संघर्ष समिति तक का साथ दिया था। हालांकि पालमपुर व आसपास की जनत कांग्रेस भाजपा दोनों को दोषी ठहराने लगी है। वेशक जनता की निगाहें पिछले सवा साल से कांग्रेस की सरकार पर टिकी थी। लेकिन लोकसभा चुनाव भी हो गए। इस बार फिर से पालमपुर को जिला बनाने की घोषणा कागजों में दफन हो गई। हालांकि अब पालमपुर नगर निगम का भी दर्जा हासिल कर चुका है। गौरतलब है कि पिछले कई सालों से जिला बंनाने को लेकर शुरू हुई कदमताल पर विगत विस चुनाव में भी पालमपुर को जिला बनाने की घोषणाओं, वायदों के अनुरूप अब लोगों में पालमपुर को जिला बनाने की आस जगी थी। चुनावी वायदों में भाजपा कांग्रेस दोनों ने जनता से पालमपुर को जिला बनाने का आश्वासन दिया था। ऐसे में भले ही प्रदेश में जहां पहले भाजपा सरकार सता में थी, 2022 में कांग्रेस सत्तासीन हुई। पालमपुर में जीत कर आये कांग्रेस विधायक आशीष बुटेल ने भी जनता को आश्वासन दिया था।विस् चुनाव में जिलों के मुद्दे पर भाजपा कांग्रेस दोनों ने जनता को आश्वासन दिया था। बताते चलें कि संगठन की दृष्टि से भी भाजपा कांग्रेस दोनों ने जिलों का निर्माण करवा दिया है। लेकिन अब जनभावनाओं को भी साकार करना वर्तमान सरकार की जिम्मेवारी बनती थी। पालमपुर को जिला बनाने को लेकर कभी राजन सुशांत ने भी जिलों के निमार्ण पर सीएम तक का घेराव की चेतावनी दी थी। फिर पालमपुर की जनता में वर्तमान सत्तासीन कांग्रेस के समक्ष पालमपुर को जिला बनाने की सबसे बड़ी चुनौती अब कांग्रेस सरकार के समक्ष है।

प्रमुख समाजसेवक राजीव जम्वाल ने कहा कि पालमपुर जिला बनाना, केवल प्रशासनिक और पुलिस की दृष्टि ही नहीं, अपितु इस इलाके के लोगों की जरूरत है। बड़ा भंगाल या हरसीपतन से धर्मशाला आ कर अपना सरकारी काम करवाकर वापिस जाना किसी आम आदमी के लिए संभव नहीं है और न ही एक रात होटल में गुजारने का सामर्थ। सरकार का ध्यान इस मुद्दे पर आकर्षित करने के लिए एक आंदोलन की जरूरत है। अगर सबका सहयोग रहे तो हरसीपतन से पैदल यात्रा पालमपुर तक जिसमे अलग अलग टोलियां अलग अलग जगहों से चल कर पालमपुर में मिलें और यहां धरना प्रदर्शन हो, ऐसी कोई योजना संघर्ष समिति द्वारा बनाई जा रही है। केवल पालमपुर विधायक अकेले कुछ नहीं कर पाएंगे। बैजनाथ, जयसिंहपुर, सुलह और पालमपुर के समस्त लोगों की भागीदारी जरूरी है। और राजनीतिक लोगों को रोटियां सेकने का अवसर न दिया जाएगा। यानी राजनीतिक लोगों को मंच न प्रदान किया जाएगा।

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पालमपुर। पालमपुर को कई वर्ष पहले ही जिला बना दिया जाना चाहिए था। परंतु राजनीतिक इच्छा शक्ति का अभाव रहा। 17 मई 2012 को पालमपुर में बड़े स्तर पर एक प्रदर्शन का आयोजन किया गया था। वरिष्ठ अधिवक्ता जगमेल चंद कटोच उस समय संघर्ष समिति के अध्यक्ष थे, जबकि के वी रल्हन , रविंदर सूद , अजीत बाघला , शांति शर्मा , संजीव राणा, व्यापार मंडल अध्यक्ष सुरेंद्र सूद , राजीव जमवाल सहित कई अन्य प्रमुखता से इस संघर्ष में अग्रणी रहे।

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पालमपुर । संघर्ष समिति के साथ व्यापार मंडल भी पूर्ण रूप में इस संघर्ष में भागीदार बना था, संघर्ष प्रखरता से आगे बढ़ रहा था परंतु विधानसभा चुनाव की घोषणा के पश्चात राजनीतिक दलों ने संघर्ष पर ही विराम लगा दिया। इसके पश्चात नगर निगम के गठन को लेकर संघर्ष आरंभ हुआ। कई स्वयं से भी संगठन तथा व्यापार मंडल जैसे संगठन व स्थानीय निकाय तथा पंचायती राज प्रणाली के निर्वाचित प्रतिनिधियों ने इसका समर्थन किया।
जिन भी लोगों ने प्रमुखता से इस संघर्ष समिति के बैनर तले कार्य किया वह व्यक्तिगत स्वार्थ भावना से ऊपर उठकर कार्य कर रहे थे। यही एक प्रमुख कारण रहा की पालमपुर को नगर निगम बनाने में सफलता मिली। ‌ यह भी सत्य है कि इसे लेकर राजनीतिक इच्छा शक्ति भी दृढ़ रही।

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वारिष्ठ अधिवक्ता जगमेल कटोच ने कहा कि पालमपुर जिला बनें इसके लिए हम सब को मिलकर कार्य करना होगा। व्यक्तिगत स्वार्थ को छोड़कर एक सूत्र में बंध कर आगे बढ़ना होगा। आम जनमानस की एकता राजनीतिक इच्छा शक्ति को इस दिशा में ले जाने में सक्षम है। पालमपुर के लिए पहले भी साथ थे, आज भी साथ हैं तथा भविष्य में भी साथ रहेंगे।,,,,

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