हिमाचल सरकार ने खोला नौकरियों का पिटारा, एक हजार पदों को भरने की मंजूरी, मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए अहम फैसले
हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए हैं। करीब पांच घंटे चली मंत्रिमंडल की बैठक में 36 एजेंडों पर विस्तृत चर्चा हुई।
हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक गुरुवार को मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए हैं। करीब पांच घंटे चली मंत्रिमंडल की बैठक में 36 एजेंडों पर विस्तृत चर्चा हुई। मंत्रिमंडल ने डॉ. राजेंद्र प्रसाद राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय टांडा में विभिन्न श्रेणियों के 462 पदों को सृजित करने और भरने का निर्णय लिया। इसमें चिकित्सा अधिकारियों के 14, मनोचिकित्सक और क्लीनिकल मनोवैज्ञानिक के चार-चार, स्टाफ नर्स के 300, रेडियोग्राफर के दो, वार्ड ब्वॉय के 47, ऑपरेशन थियेटर सहायक के चार, ट्रांसप्लांट समन्वयक के दो, डाटा एंट्री ऑपरेटर के 10, चतुर्थ श्रेणी पांच, सफाई कर्मचारी 40 और सुरक्षा गार्ड के 30 पद शामिल हैं।
आईजीएमसी, चमियाना में 489 पद भरने की मंजूरी
वहीं आईजीएमसी शिमला और अटल सुपर स्पेशलिटी आयुर्विज्ञान संस्थान चमियाना में विभिन्न श्रेणियों के 489 पदों को सृजित करने और भरने का भी निर्णय लिया गया। इसमें आईजीएमसी शिमला में विशेषज्ञ चिकित्सा अधिकारियों के 21 पद और चमियाना में सुपर स्पेशियलिटी चिकित्सा अधिकारियों के सात, स्टाफ नर्स के 400, ऑपरेशन थियेटर सहायकों के 43, नर्सिंग अर्दली कम ड्रेसर के 11, आहार विशेषज्ञ के दो, फिजियोथेरेपिस्ट का एक और डाटा एंट्री ऑपरेटर के चार पद शामिल हैं।
पुलिस कांस्टेबल के लिए लोक सेवा आयोग लेगा परीक्षा
मंत्रिमंडल ने पुलिस कांस्टेबल के पद के लिए भर्ती प्रक्रिया को हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के अधिकार क्षेत्र में लाने को मंजूरी दी। मंत्रिमंडल ने अपशिष्ट प्रबंधन गतिविधियों की निगरानी के लिए शहरी विकास निदेशालय में विभिन्न श्रेणियों के पांच पदों के सृजन के साथ एक पर्यावरण प्रकोष्ठ बनाने को अपनी मंजूरी दी। अभियोजन विभाग में सहायक जिला न्यायवादियों के 12 पदों को सृजित करने और भरने का निर्णय लिया। हमीरपुर जिले में नए खोले गए जल शक्ति उपमंडल कंजियान, समीरपुर और भरेरी अनुभागों के लिए विभिन्न श्रेणियों के 12 पदों को सृजित करने और भरने का भी निर्णय लिया। मंत्रिमंडल ने कांगड़ा जिले की नई खोली गई भरोली उप तहसील में विभिन्न श्रेणियों के आठ पदों को सृजित करने तथा भरने का निर्णय लिया। बैठक में वन विभाग में सहायक वन अरण्यपाल के पांच पद भरने का निर्णय लिया गया। हमीरपुर जिला में नवसृजित पुलिस चौकी गैलोर के लिए विभिन्न श्रेणियों के छह पदों को सृजित कर भरने को मंजूरी प्रदान की।
ग्रामीण क्षेत्रों में पानी के कनेक्शन पर लगेगा शुल्क
मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी देते हुए उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि अधीक्षक ग्रेड-1 के भर्ती एवं पदोन्नति नियम संशोधित किए गए हैं। मंत्रिमंडल ने राज्य में निजी ऑपरेटरों को 168 मार्गों के पुन: आवंटन के लिए राज्य परिवहन नीति 2014 के अंतर्गत 60:40 की शर्त में ढील देने को अपनी सहमति प्रदान की। मंत्रिमंडल ने फैसला लिया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में पानी के कनेक्शन पर आयकर देने वालों पर फिर से शुल्क लगाया जाएगा। 50 हजार से कम आय वालों को इससे छूट होगी। मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश लघु खनिज (रियायत) तथा खनिज (अवैध खनन, परिवहन एवं भंडारण निवारण) नियम, 2015 में संशोधन करने का निर्णय लिया।
खनन नियमों में संशोधन
नए प्रावधानों के अंतर्गत, राज्य में खनन के लिए उपलब्ध उपयुक्त निजी भूमि को भूमि मालिकों की सहमति से खनिजों के निष्कर्षण के लिए नीलामी में रखा जा सकेगा, जिसके लिए वार्षिक बोली राशि का 80 प्रतिशत भूमि मालिकों को दिया जाएगा। साथ ही व्यवस्थित, वैज्ञानिक, टिकाऊ खनन को बढ़ावा देने और खनिजों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए नदी तल में खनिज उत्खनन के लिए मशीनरी के उपयोग की अनुमति दी गई है। नदी तल में खनन की गहराई मौजूदा एक मीटर से बढ़ाकर दो मीटर कर दी गई है। हर मानसून के मौसम के बाद कृषि क्षेत्र से दो मीटर की गहराई तक रेत और बजरी निकालने की अनुमति देने का प्रावधान किया गया है और इसे गैर खनन गतिविधि माना जाएगा। इसके अलावा नए संशोधनों में इलेक्ट्रिक वाहन शुल्क के रूप में पांच रुपये प्रति टन, ऑनलाइन शुल्क के रूप में पांच रुपये प्रति टन और दूध उपकर के रूप में दो रुपये प्रति टन वसूलने की अनुमति दी गई है। गैर खनन गतिविधियों के कारण उत्पन्न सामग्री के उपयोग के लिए रॉयल्टी के 75 प्रतिशत के बराबर प्रसंस्करण शुल्क (140 रुपये प्रति टन) सरकार को देय होगा।
हिम उन्नति योजना को होगी लागू
राज्य में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए मंत्रिमंडल ने रसायन मुक्त उपज के उत्पादन और प्रमाणीकरण के लिए क्लस्टर आधारित दृष्टिकोण का उपयोग करते हुए हिम उन्नति योजना को लागू करने का निर्णय लिया और इसका लक्ष्य लगभग 50,000 किसानों को शामिल करते हुए 2,600 कृषि समूह स्थापित करना है। इस योजना के तहत कृषक समुदाय की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए आवश्यक क्षमता निर्माण प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इसके अतिरिक्त इसमें प्राकृतिक खेती से प्राप्त गेहूं को 40 रुपये प्रति किलोग्राम और मक्का को 30 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से खरीदने की योजना है।
कृषि मंत्री चंद्र कुमार की अध्यक्षता में उपसमिति गठित
मंत्रिमंडल ने पशुपालन विभाग में ग्राम पंचायत पशु चिकित्सा सहायकों के मुद्दे पर विचार करने तथा अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करने के लिए कृषि मंत्री चंद्र कुमार की अध्यक्षता में एक उपसमिति गठित की, जिसमें राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी और उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान सदस्य होंगे। बैठक में निर्णय लिया गया कि एचआरटीसी बसों में रियायती यात्रा सुविधा का लाभ उठाने वाले सभी पुलिस कर्मियों, जेल अधिकारियों, हिमाचल प्रदेश सचिवालय सुरक्षा सेवा के कर्मचारियों को वास्तविक आधार पर उनकी आधिकारिक यात्रा की प्रतिपूर्ति मिलेगी।
आपदा प्रभावित परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करने का निर्णय
मंत्रिमंडल बैठक में सुक्खू ने कुल्लू, मंडी और शिमला जिले में हुई बादल फटने की घटनाओं में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी। शोक संतप्त परिवारों के प्रति एकजुटता व्यक्त करते हुए आपदा प्रभावित परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया गया। बैठक में फैसला लिया गया है कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जिनके घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं, उन्हें क्रमशः 10,000 और 5,000 रुपये प्रति माह किराया मिलेगा। इसके अलावा, 1 अगस्त से 31 अक्तूबर तक तीन महीने की अवधि के लिए मुफ्त राशन, एलपीजी रिफिल, बर्तन और बिस्तर उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया। इसके अतिरिक्त बादल फटने से प्रभावित परिवारों को 50,000 रुपये की तत्काल वित्तीय राहत वितरित की जाएगी।
निरीक्षकों को अपने विंग में न्यूनतम तीन वर्ष की सेवा करनी होगी
कैबिनेट ने राज्य कर एवं आबकारी विभाग को दो अलग-अलग शाखाओं में पुनर्गठित करने के लिए व्यापक मार्गदर्शक सिद्धांतों को मंजूरी दे दी है। इस पहल का उद्देश्य परिचालन को सुव्यवस्थित करना, दक्षता बढ़ाना और राजस्व को बढ़ावा देना है। नए प्रावधानों के तहत सहायक आबकारी अधिकारियों और आबकारी एवं कराधान निरीक्षकों को अपने संबंधित विंग में न्यूनतम तीन वर्ष की सेवा करनी होगी।